इंद्रप्रस्थ भवन में गूंजीं कविताएं
संवाददाता
बस्ती। रुधौली थाना क्षेत्र के मुनियांव गांव स्थित इंद्रप्रस्थ भवन शुक्रवार की शाम कविताओं से गूंज उठा। देश के जाने-माने कवियों ने अपनी रचनाओं का वशीभूत बना लिया। हास्य-व्यंग्य की बयार देर रात तक बही। बीच-बीच में कविता के जरिये दुश्मन देश पाकिस्तान को भी ललकार मिलती रही। कवियत्री अर्चना द्विवेदी ने मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत कर लोगों को भाव विह्वल कर दिया। इसके बाद कविता की बौछार देर तक हुई। अखिलेश द्विवेदी जी ने हास्य व्यंग्य की कविता सुनाकर लोगों को खूब गुदगुदाया।
अध्यक्षता कर रहे पं. अशोक टाटंबरी ने कविता को नयी ऊंचाई दी। उन्होंने नव्य भवन के उद्घाटन पर कवि सम्मेलन न्यारा है.. इंद्रप्रस्थ में आज बह रही सरस्वती की धारा है.. सुनाकर लोगों का दिल जीत लिया। उन्होंने राम मंदिर पर कविता सुनाकर भीड़ को उत्साहित कर दिया। कवि विकास बौखल अपने चुटीले अंदाज में लोगों को खूब हंसाया। कवियत्री
प्रीति पांडेय की रचना भी खूब सराही। ओज के कवि अजय ने वीर रस की कविता सुनाकर लोगों को राष्ट्रभक्ति की भावना से ओत-प्रोत कर दिया। गीतकार सौरभ त्रिपाठी ने अद्भुत गीत सुनाया। उनकी रचना माथे पर चंदन के जैसे हरदम जिसे सजाता हूं, स्मृतियों के शिलालेख पर श्रध्दा सुमन चढ़ाता हूं.. सुनाकर लोगों को पहलगाम की भावुक करने वाली घटना की याद ताजा कर दी। उनकी गीत हाथ की लकीर देख अपनी तकदीर देख लेता हूं, जब कभी हारता हूं अपनों से तेरी तस्वीर देख लेता हूं। इसी क्रम
में कवि वेद प्रकाश द्विवेदी प्रचंड, लवलेश यादव, कृपा संगम, पवन प्रज्ञान, शैलेन्द्र पांडेय मासूम आदि ने कविता पढ़ी।
संचालन कवि नीरज पांडेय ने किया। संयोजक पुरुषोत्तम पांडेय, दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री महेश शुक्ल, पूर्व कुलपति डा राकेश पाण्डेय ने कवियों का माल्यार्पण और अंगवस्त्र देकर स्वागत किया। इस मौके पर ओम नारायण पांडेय, अशोक पाण्डेय, श्री भगवान पांडेय विपिन शुक्ल, सर्वेश यादव, धीरेन्द्र पांडेय लल्लू, शंभू नाथ मिश्र आदि मौजूद रहे।