*जिम्मेदारों की मिलीभगत से खुलेआम ग्राम पंचायत नरखोरिया में चला रहा मनरेगा फर्जीवाड़ा*
-बस्ती डुमरियागंज मार्ग के बगल में पोखरे की खुदाई, हरिराम के खेत से पिच रोड तक चकबंध मार्ग
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-रामनगर विकास खण्ड में मनरेगा हेराफेरी लगी फर्जी हाजिरी ग्राम पंचायत नरखोरिया का मामला
बस्ती संवाददाता - जनपद में मनरेगा घोटाला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन मनरेगा भ्रष्टाचार की खबरें समाचार पत्रों की सुर्खियां बन रही हैं। लेकिन मनरेगा के जनपदीय जिम्मेदार डीसी मनरेगा कुम्भकर्णी नींद में मस्त हैं। साहब को केवल अपने हिस्से की मलाई से मतलब है। अपना काम बनता है, तो भाड़ में जाए जनता। यह है मनरेगा के जिम्मेदारों की असली हकीकत। भ्रष्टाचार में कार्यवाही न करने की डीसी मनरेगा ने कसम खाया हो, ऐसा प्रतीत होता है।
मनरेगा योजना गरीबों के रोजगार के लिए बनाई गई है, लेकिन जनपद में यह योजना जिम्मेदारों के ऐशो-आराम की योजना बनकर रह गई है। पूरे जनपद में मनरेगा योजना में लूट मची है।
प्राप्त समाचार के अनुसार - रामनगर विकास खण्ड के अन्तर्गत स्थित ग्राम पंचायत नरखोरिया में मनरेगा हेरा-फेरी चल रहा है। बस्ती डुमरियागंज मार्ग के बगल में पोखरे की खुदाई/सफाई एवं हरिराम के खेत से पिच रोड तक चकबंध कार्य में मनरेगा मजदूरों की उपस्थिति केवल कागजों में दर्ज हो रही है, जबकि धरातल पर मजदूर नहीं हैं।मीडियाकर्मियों को जब ग्राम पंचायत नरखोरिया में मनरेगा भ्रष्टाचार की जानकारी मिली, तो वे नरखोरिया पहुंचे। डिस्प्ले बोर्ड न लगे होने के कारणों से ग्रामीणों से पूछताछ करते हुए कार्य की साइड पर पहुंचे, जहां पोखरा खुदाई सफाई व चकबंध निर्माण कार्य में एक भी मजदूर काम करते नहीं मिले। जबकि उसी साइड पर 65 श्रमिकों की कागज में फर्जी हाजिरी दिखाया जा रहा है। प्रधान, रोजगार सेवक व सचिव ने मनरेगा का धन का बंदरबांट करने की तैयारी में हैं, जबकि अभी तक संदर्भित साइड पर कोई कार्य नहीं हुआ है। इससे स्पष्ट होता है कि जिम्मेदारों की प्राथमिकता भ्रष्टाचार है, न कि गरीबों के हित में मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की और जिम्मेदारों को जवाबदेही साथ ही, गरीबों के हितों की रक्षा के लिए प्रभावी कार्रवाई होनी चाहिए है अब देखना यह है कि जनपद में अपने आमद के समय से ही हनक बनाकर भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके मुख्य विकास अधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है।