भक्तों के चरित्र की कथा है भागवत महापुराण- आचार्य विनय जी महाराज
राष्ट्र कौशल टाइम्स
बस्ती
संवाददाता
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शिव नगर तुरकहिया में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में कथा व्यास पंo अनिलेश शुक्ला जी महाराज ने कहा श्रोताओं को भागवत कथा के महत्व को बताया। उन्होंने कहा कि भागवत भक्तों के चरित्र की कथा है। गृहस्थ आश्रम में बच्चों को भक्त और भगवान के चरित्र को जरूर सुनाएं। जिससे उनके अंदर भक्तिभाव के साथ उत्तम विचार पैदा हो। भगवत कथा मनुष्यों एवं प्रत्येक प्राणियों के लिए प्राण है। धन्य है यह भूमि यहां भागवत कथा हो रही है। मानव को सतत कर्मशील, सत साहसी होना चाहिए। पंo अनिलेश शुक्ला जी महाराज जी ने कहा भागवत कथा भक्त को, मानव को शरणागति का संदेश देती है। अगर व्यक्ति अपना कल्याण चाहता है तो भगवान श्री कृष्ण की शरणागति करनी चाहिए। जो श्रीकृष्ण की भक्ति करता है उसे भगवान पकड़ लेते हैं। उसके बाद छोड़ते नहीं। तब मानव जीवन धन्य हो जाता है। भागवत कथा संस्कार, संस्कृति, सदाचार, सदव्यवहार तो देती ही है इसके साथ ही संसार में कृतकृत्य करके मोक्ष को प्राप्त कराती है। उन्होंने धर्म की व्याख्या करते हुए कहा कि जिस को मानने के बाद, जानने के बाद, सुनने के बाद, धारण करने के बाद मन में भगवान के प्रति प्रेम हो जाए वही धर्म है। वह आचरण व्यवहार जो दूसरों के हित में कार्य करते हुए भगवत भक्ति में सन्निहित हो वही धर्म है। गलत आचरण, कार्यों और व्यवहारों में धर्म नहीं हो सकता। वह तो अधर्म है। जो श्रीमन्नारायण, राम के रूप में, कृष्ण के रूप में इस धराधाम पर अवतरित होकर जो संदेश, उपदेश व आदेश दिए हैं वही धर्म है। श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्री कृष्ण ने निवेदन किया है कि सर्वधर्मान परित्यज्य मामेकं शरणं ब्रज अर्थात पूर्व के सभी अधर्म, जिसे धर्म बना लिया गया है उसे त्यागकर मेरी शरण में आ जाओ। श्री शुकदेव जी महाराज ने कहा है कि हे राजन भगवान ने देवता, मनुष्य एवं राक्षस के अलावा अन्य प्राणियों पर भी कृपा किया है। श्रीमद् भागवत की कथा केवल मुक्ति का ही नहीं बल्कि धन, बल, पुत्र, विद्या, ज्ञान, भक्ति, वैराग्य इत्यादि सर्व काम भावकी कथा है। इस कथा से राक्षसों का भी उद्धार हुआ है।
मुस्य यजमान उर्मिला देवी, सुभाष चन्द्र द्रिवेदी ने विधिवत पूजा अर्चना करके लोक मंगल की कामना किया।
इस अवसर पर शैलेन्द्र द्विवेदी, रवीन्द, शुभ, मानस, शुभी, अमित द्विवेदी समेत तमाम लोग मौजूद रहे है।
मुस्य यजमान सुभाष चन्द्र द्रिवेदी ने एक निजी भेंटवार्ता में बताया कि19अक्टूबर से श्रीमद्भभागवत कथा का शुभारम्भ शानिवार को होगा, कथा समय सायं पाँच बजे से हरि इच्छा तक एवं पूर्णाहुति एवं भण्डारा 25 अक्टूबर को होगा।
श्रीमद्भभागवत कथा को श्रवण कर भक्तगण पुण्य के भागीदार बनें।