एक्शन में दिखे गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष महेश शुक्ला
आयोग के सुचारू रूप से संचालन हेतु विचारणीय बिन्दु
1. प्रदेश के यशस्वी मा० मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन व दिशा निर्देश के क्रम में वृहद स्तर पर गो संरक्षण व गो संवर्धन का कार्य किया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप लगभग 7000 सरकारी गोशालाओं में लगभग 14 लाख गोवंश को संरक्षित किया गया है। गोशालाओं को केन्द्र बनाकर वहां पर वायो उर्जा, जैविक कृषि, पंचगव्य उत्पाद इत्यादि को प्रोत्साहित करने हेतु इन गोशालाओं को प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में विकसित किया जाना आवश्यक है जिससे स्वयं सहायता समूह प्रशिक्षित होकर रोजगार पा सकें, गोशालाएं स्वाबलम्बी बन सके तथा गोशाला की स्थापना ग्राम व परिधि में आने वाले अन्य गांवों को जैविक कृषि से आच्छादित किया जा सके।
2. उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग में पूर्व से पदों के सृजन हेतु मांग की जा रही है, परन्तु अभी तक गोसेवा आयोग में पद सृजित नहीं हुए हैं, जिससे अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अस्थायी सम्बद्धीकरण के फलस्वरूप कार्य सम्पादित करने में कठिनाइयां उत्पन्न होती है।
3. गैर सरकारी संगठनों को साथ लेकर नो प्रोफिट नो लॉस के आधार पर मेमोरेण्डम ऑफ अण्डरस्टैंडिंग (एम०ओ०यू०) कर एवं सी०एस०आर० से फण्ड की व्यवस्था कर गोशाला संचालित करना उचित होगा।
4. व्यापक स्तर पर गोवंश के लाभ का प्रचार-प्रसार कर प्रदेश के स्वदेशी गोवंश पालन को बढ़ावा दिया जाना उचित होगा तथा गोवंश के दूध न देने की दशा में भी उसके आर्थिक महत्व का प्रचार-प्रसार कर किसानों के लिए लाभप्रद बनाना आवश्यक है जिससे कि गोवंश की मूल जगह किसान का घर हो न कि गोशाला।
5. अन्य आयोगों में मा० सदस्य हेतु निर्धारित मानदेय की व्यवस्था है। उ०प्र० गोसेवा आयोग में भी मा० सदस्यों को मानदेय दिये जाने पर विचार किया जाना आवश्यक है।
6. गोशालाओं को बिजली व्यावसायिक दरों की बजाय कृषि कार्य हेतु दी जाने वाली दरों पर उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है।
7. गोशालाओं द्वारा भूमि खरीदे जाने, लीज पर लेने अथवा दान में प्राप्त किये जाने के विलेख को स्टाम्प ड्यूटी से मुक्त किया जाना आवश्यक है।
8. गोशालाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कृषि का ही एक भाग हैं। अतः उन्हें कृषकों की भांति अन्य क्षेत्र में अनुदान / सब्सिडी / सुविधाएं देने पर विचार किया जाना आवश्यक है।
9. पंजीकृत गोशालाओं/अस्थायी गोवंश आश्रय स्थलों की उपलब्ध भूमि पर चारा उत्पादन के साथ-साथ आयवर्धन हेतु सीमैप से टाइअप कर औषधीय फसल उत्पादन पर विचार किया जाना आवश्यक हैं ।
10. उत्तर प्रदेश गोशाला संघ का चुनाव विगत 10 वर्षों से सम्पन्न नहीं हुआ है, जिसको तत्काल सम्पन्न कराया जाना आवश्यक है जिससे कि समस्त पंजीकृत गोशालाएं एक मंच पर अपनी समस्याओं का समाधान कर सके एवं गो संरक्षण एवं संवर्धन के कार्यों को ध्रुत गति मिल सके।
11. प्रदेश में पंजीकृत गोशालाओं में संरक्षित गोवंश को दिये जाने वाले अनुदान की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाना आवश्यक है। यदि सम्भव हो तो इस प्रक्रिया को आनलाइन किये जाने पर भी विचार किया जाना उचित होगा।
अनुदान
शासनादेश संख्या के अनुसार पंजीकृत गोशालाओ मे रखे गये गोवंश के भरण पोषण हेतु आंशिक अनुदान की व्यवस्था की गयी है गोशाला मे रखे गये गोवंश की कुल संख्या के 70% के भरण पोषण हेतु रु० 30/- प्रतिदिन की दर से पूर्ण वर्ष (365) दिन के लिए व्यवस्था की गयी है अनुदान करने हेतु गोशाला का उ० प्र० गोशाला अधिनियम 1964 एवं सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1860 के अंतर्गत पंजीकरण आवश्यक है
ऑनलाइन आवेदन करें
शासनादेश संख्या 3256 / सैतीस-2-2019-30(4)/2019 दिनांक 8 अगस्त 2019 के अनुसार निराश्रित / बेसहारा गोवंश को इच्छुक कृषकों / पशुपालको / अन्य व्यक्तियों को सुपुर्द किये जाने हेतु मा० मुख्य मंत्री निराश्रित / बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना प्रख्यापित की गयी। जिसमें आयोग की बेवसाइट www.upgosevaayog.upsdc.gov.in के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है।
उद्देश्य एवं कार्य
गाय और उसके वंश के अवैध वध की रोकथाम के लिए संबन्धित अलग-अलग
एजेंसियों से समन्वय स्थापित करना। गोवध से संबन्धित नियमो के प्रभावी क्रियान्वन करना।
गोवध की रोकथाम हेतु क्षेत्र मे काम कर रही एजेंसियों को प्रोत्साहित करना।
उपलब्धियाँ
1. निदेशक, आयुर्वेद सेवाये, उत्तर प्रदेश द्वारा समस्त प्रधानाचार्य, राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं समस्त क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारियो को चिकित्सीय परामर्श मे पंचगव्य औषधियों को सम्मिलित किये जाने के निर्देश जारी किये गये है।
उत्तर प्रदेश ऐसी व्यवस्था करने वाला देश का पहला राज्य है।
गोवंश को
रेडियम वेल्ट डालने की तैयारी हो रही हैं, जिससे दुघर्टना में कमी आयेंगी, गोशालाओं में गायों की संस्या का भौतिक सत्यापन किया जायेगा, देशी गाय का संवहण किया जायेगा.
गो वँशो के संवर्धन के लिए उठाया ऐतिहासिक कदम।
प्रदेश के सभी चरागाहों से हटेगा अवैध कब्जा, जल्द शुरू होगी कार्यवाही।
अवैध कब्जे दारों से मुक्त करा कर गोवंशों के चारे के लिए होगा प्रयोग।
गो संवर्धन की दिशा में उठाए जा रहे कदमों के बारे में दी जानकारी।
पशुओं के लिए बाजार में बिक रहे आहार की गुणवत्ता की भी कराई जाएगी नियमित जांच।
गो शालाओं को आर्थिक दृष्टि से मजबूती करने की दिशा में तेजी से होगा कार्य : महेश शुक्ला
उक्त जानकारी गोसेवा आयोग के उपाध्यक्ष महेश शुक्ल ने एक निजी भेंटवार्ता में बताया ।