*आज 19 नवंबर 2024 हनुमानजी के परम भक्त हमारे आदरणीय पापाजी डॉ आर.के डी मिश्र जी के जन्मदिवस के साथ मंगलवार भी है,अतः होश सम्हालने के बाद पापाजी के माध्यम से जीवन मे हनुमानजी से अपने प्रथम साक्षात्कार का जिक्र आवश्यक है,🙏
बजरंगबली हनुमानजी मिश्र परिवार के इष्ट देव है और वे पापाजी द्वारा सहज रूप से हम सब मे स्थानांतरित संस्कार रूपी विरासत के रूप में मिश्र परिवार के स्थायी संरक्षक के रूप में स्थापित है🙏🌹🌹🌹
परंतु हनुमानजी एवं उनकी शक्तियों से मुझ अबोध बालक को होश सम्हालने के साथ परिचय कराने वाले हमारे पिता डॉ आर के डी मिश्र जी ही थे।🙏
हमारे बचपन में श्रीराम चंद्र जी एवं भरत जी के स्नेह प्रेम एवं नागरिकों आपसी सौहार्द की मिसाल जुड़वाँ शहर फ़ैज़ाबाद -अयोध्या के इष्ट देव हनुमानजी जिन्हें प्रभुश्रीराम चंद्र जी जल समाधि के पूर्व अयोध्या अवध साकेत के संरक्षण का दायित्व सौंप गये थे का मुख्य स्थान बड़ी हनुमानगढ़ी,रामकोट, अयोध्या के रूप में स्थापित हैं परन्तु हनुमानजी प्रभुश्रीराम चंद्र जी की जल समाधि स्थल गुप्तारघाट से अयोध्या मार्ग पर स्थित रिकाबगंज "छोटी हनुमानगढ़ी" में अपने औषधि रक्षक रूप(संजीवनी लेकर आते हुये) में विद्वमान हैं,और मान्यता अनुसार ये हनुमानजी की सिद्ध पीठ है जहाँ से समस्त मनोकामना पूर्ण होती है।हमारे जीवन मे स्नेह प्रेम के संस्कारों के बीज बोने वाले आदरणीय पापाजी जब भी किसी गंभीर मरीज को कॉल (दूरस्थ इलाक़ों तक घर जाकर देखना औऱ इलाज करना) से लौटते समय उस गम्भीर मरीज के लिये भी अपने छोटी हनुमान गढ़ी पर प्रार्थना करते थे ज्यादातर केसों में मरीज की प्राण रक्षा पापाजी की दवाओं के असर के साथ हनुमानजी करते थे (ये बात उनके एक मुस्लिम मरीज द्वारा मुझें बताई गई जो मंदिर पर उनके प्रार्थनारत रहते हुए प्रणाम /चरणस्पर्श आशीर्वाद) हेतु उनके पास बैठ जाते थे ने उनके बताई थी।
पापाजी के अनुसार एक धार्मिक व्यक्ति वो ही हो सकता है जो जाति धर्म के आधार पर भेद भाव न करे और ईश्वर द्वारा रचित प्रकृति के समस्त प्राणियो की सेवा /संरक्षण समान रूप से करे।
उन्होंने मुझें वन सेवा जॉइन करने FRI देहरादून जाते समय केवल तीन बातें कही थी कि:-
"किसी को सताना नहीं"
"अपने या किसी दूसरे को धोखा नहीं देना" औऱ
"हनुमानजी की तरह अपनी शक्तियों को अपने आस पास के शुभेक्षु गण के भले के लिए उपयोग करना"
और मुझें उनकी संतान के रूप में जन्म लेने का गर्व है कि मैंने उनके द्वारा प्रदत्त संस्कारों एवं उपरोक्त मूलमंत्रों का सदैव पालन किया ।
हमनें पापाजी की प्रेरणा से साथ इसी छोटी हनुमान गढ़ी के हनुमानजी को पारिवारिक संस्कारों के रक्षक अभिभावक के रूप में पाया ये हम सब का सौभाग्य है।*🙏🌹🌹🌹🌹🌹
"आज पापा जी के जन्मदिवस पर उनके संपर्क में आये या मिश्र परिवार वंश वृक्ष की सभी पुष्पित पल्लवित शाखाओं से जुड़े सभी शुभेक्षु गणों को हार्दिक बधाई के साथ कामना करते हैं कि -
'पूज्य पापाजी के आशीर्वाद से हनुमानजी आप सभी को सदैव ,सपरिवार,स्वस्थ ,प्रसन्न,संपंन्न एवं कर्मक्षेत्र में सक्रिय रखें।🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹
साभार-विनयकुष्ण मिश्र