बस्ती
मातृ दिवस पर मां की महिमा का वर्णन करते हुए समाज सेवी चन्द्रमणि पाण्डेय(सुदामाजी) ने कहा कि मां तीनोलोकों की वो अनमोल वरदान है जिसके वात्सल्य का सुख पाने को देवाधिदेव भगवान विष्णू भी परेशान रहते है मां का सम्मान दिन की सीमा में नहीं बांधा जा सकता फिर भी मातृ दिवस मां को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है दुनियां में एक मां का आँचल अपनी संतान के लिए कभी छोटा नहीं पड़ता। माँ का प्रेम अपनी संतान के लिए इतना गहरा और अटूट होता है कि माँ अपने बच्चे की खुशी के लिए सारी दुनिया से लड़ लेती है। एक मां का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व है, एक मां के बिना ये दुनियां अधूरी है किन्तु हम मां के प्रति सम्मान और प्रेम को सिर्फ प्रदर्शित करने तक सीमित न रहें आपितु हम मां के सपनों को साकार करें जिससे हमारा जीवन सुखमय हो क्योंकि मां का बस एक स्वप्न होता है बेटे की उन्नति व चमकता मुस्कराता ललाट देखना दुनियां में एक मां ही है जिसका प्रेम निःस्वार्थ होता है। मां व मां का प्रेम अनमोल है।