*विद्युत विभाग की लापरवाही से दो दशकों से बंद हैं किसानों का निजी नलकूप*
*वर्ष 2003-04 में टूटा लकडी पोल तो लगा मगर तार न जुडने से परेशान कृषक ने बेंच दिया विद्युत मोटर*
युं तो सरकारी महकमें की शिथिलता से हर कोई परिचित है जहां एक हस्ताक्षर हेतु फाइल वर्षों विभागीय बाबू के मेज पर धूल चाटती है सरकारें बदलती हैं सरकारों के चाल ढाल चेहरे बदलते हैं मगर सरकारी महकमे की गतिविधियां अपने ही ढर्रे पर रेंगती नजर आती हैं कोर्ट कचेहरी थान्हा तहसील शिक्षा चिकित्सा बिजली सडक हर विभाग की एक ही कहानी नये विद्यालय, सडक,चिकित्सालय बनेंगें पर पूर्व से संचालित संस्थाओं की कार्यप्रणाली नहीं दुरूस्त किया जाता है फलतः न्याय व जनसुविधायें आम इंसान से कोसों दूर रहतीं हैं ताजा मामला विद्युत विभाग का संग्यान में आया हैं जहां वर्तमान सरकार व विद्युतविभाग हर घर विजली के दावे करते नहीं थक रहा है वहीं क्षेत्र के बीरपुर फीडर अन्तर्गत आने वाले सहरायें गांव में विभागीय शिथिलता के चलते किसानों का निजीनलकूप दो दशकों से बंद पडा हुआ है कारण जून 2002की आंधी में टूटा लकडी का पोल अधिशाषी अभिन्ता से शिकायत के उपरांत जहां दो वर्ष बाद नवम्बर 2004में लगा वहीं ट्रांसफार्मर तक आने वाले 11हजार वोल्ट के तीन तारों में से टूटा तार आज तक नहीं जोडा जा सका इतना ही नहीं सप्लाई हरिजन बस्ती के उपर से जाने के कारण कई बार मवेशी व इंसान चपेट में आ चुके हैं विभाग न तो लाइन का रूट चंज कर रहा है न ही टूटा तार जोड रहा है फलतः गांव के नरेन्द्र प्रसाद पाण्डेय व गिरजाशंकर पाण्डेय का नलकूप बंद व विद्युतबिल जारी है कृषक नरेन्द्र प्रसाद तो विभागीय चक्कर लगाते लगाते थक कर अपना विद्युत मोटर 2005में हीं बेंच कर बिजली नहीं तो बिल नहीं का दर्जनों प्रार्थना पत्र उच्चाधिकारियों को भेज चुका है कृषक गिरजाशंकर पाण्डेय कहते हैं कि बिजली जितनी तेज चलती है विभाग उतना ही निष्कृय है चन्द्रमणि पाण्डेय की मानें तो विभाग नया कार्य जनसुविधा हित नहीं कमीशन हेतु कराते हैं जब तक पहले से बनी इकाइयों को सकृय नहीं किया जायेगा सुविधाएं महज कागज में ही मिलेंगीं
विद्युत विभाग की लापरवाही से दो दशकों से बंद हैं किसानों का निजी नलकूप*--चन्द्रमणि पाण्डेय
April 22, 2020
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