सिरदर्द एक बहुत आम और सामान्य समस्या है, जिससे लगभग हर व्यक्ति अपने जीवन में कभी न कभी अवश्य गुजरता है। यह दर्द सिर के किसी भी हिस्से में हो सकता है और इसकी तीव्रता हल्की से लेकर अत्यधिक तीव्र तक हो सकती है। सिरदर्द स्वयं एक बीमारी नहीं है, बल्कि यह शरीर में चल रही किसी परेशानी का संकेत हो सकता है। कई बार यह एक सामान्य शारीरिक थकावट का परिणाम होता है, तो कभी यह किसी गंभीर समस्या का लक्षण भी बन सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि सिरदर्द क्यों होता है, इसके प्रकार, कारण, लक्षण और उपचार क्या हैं।
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सिरदर्द क्या है?
सिरदर्द एक प्रकार का दर्द है जो सिर, माथे, कनपटी, आंखों के आसपास या गर्दन के ऊपरी हिस्से में महसूस होता है। यह दर्द कुछ समय के लिए हो सकता है या लगातार बना रह सकता है। कुछ लोगों को सिरदर्द कभी-कभी होता है, जबकि कुछ लोगों को नियमित रूप से सिरदर्द की शिकायत रहती है।
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सिरदर्द के प्रकार
सिरदर्द मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं – प्राथमिक और सेकेंडरी।
प्राथमिक सिरदर्द वे होते हैं जिनका कोई अन्य शारीरिक कारण नहीं होता, बल्कि यह खुद एक समस्या होते हैं। इनका सबसे सामान्य रूप माइग्रेन, टेंशन हेडेक और क्लस्टर हेडेक होता है।
माइग्रेन में सिर के एक तरफ धड़कता हुआ दर्द होता है। इसके साथ उल्टी, मतली, रोशनी या आवाज़ के प्रति संवेदनशीलता भी हो सकती है। यह घंटों से लेकर कई दिनों तक रह सकता है।
टेंशन हेडेक सबसे आम प्रकार का सिरदर्द है। इसमें ऐसा महसूस होता है जैसे सिर पर कसाव या दबाव है। यह तनाव, थकावट और खराब नींद के कारण होता है।
क्लस्टर हेडेक दुर्लभ लेकिन बहुत तीव्र प्रकार का सिरदर्द है। इसमें आंख के आसपास तेज़ जलन और दर्द होता है और यह कुछ सप्ताह या महीनों तक लगातार हो सकता है।
सेकेंडरी सिरदर्द किसी अन्य बीमारी या स्वास्थ्य स्थिति का परिणाम होते हैं। उदाहरण के लिए, साइनस संक्रमण, हाई ब्लड प्रेशर, ब्रेन ट्यूमर, मस्तिष्क में संक्रमण, गर्दन या रीढ़ की समस्याएं आदि।
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सिरदर्द के कारण
सिरदर्द के अनेक कारण हो सकते हैं, जो व्यक्ति की दिनचर्या, खानपान, मानसिक स्थिति और शरीर की दूसरी क्रियाओं से जुड़े होते हैं। मानसिक तनाव और चिंता सिरदर्द के सबसे सामान्य कारणों में शामिल हैं। जब व्यक्ति अत्यधिक सोचता है या भावनात्मक रूप से दबाव में होता है, तब सिरदर्द होने की संभावना बढ़ जाती है।
नींद की कमी, अनियमित नींद, या बहुत अधिक सोना भी सिरदर्द को जन्म देता है। इसी प्रकार, डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी होने पर भी सिर में दर्द हो सकता है। दिन भर पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने पर मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जिससे सिरदर्द होता है।
कई बार लंबे समय तक मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन पर देखने से आंखों पर जोर पड़ता है, जिससे आंखों की थकान के साथ-साथ सिरदर्द भी होता है। यह स्थिति ‘आई स्ट्रेन’ कहलाती है।
कुपोषण, भूखे रहना, बहुत ज्यादा कैफीन या शराब का सेवन, हार्मोनल बदलाव (जैसे पीरियड्स, गर्भावस्था या मेनोपॉज़) और मौसम परिवर्तन जैसे कारक भी सिरदर्द को उत्पन्न कर सकते हैं।
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सिरदर्द के लक्षण
सिरदर्द के साथ जो अन्य लक्षण दिखाई दे सकते हैं, उनमें आंखों के पीछे दर्द, गर्दन में जकड़न, मतली, उल्टी, चक्कर आना, रोशनी और आवाज़ के प्रति संवेदनशीलता, आंखों में जलन और बेचैनी शामिल हो सकते हैं। माइग्रेन जैसी स्थिति में व्यक्ति किसी अंधेरे और शांत स्थान में रहना पसंद करता है क्योंकि सामान्य वातावरण भी तकलीफदायक लग सकता है।
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सिरदर्द का निदान
अगर सिरदर्द बार-बार होता है या बहुत तेज़ होता है तो डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी होता है। डॉक्टर बीमारी के इतिहास, जीवनशैली और लक्षणों के आधार पर निदान करते हैं। यदि जरूरत हो तो MRI, CT स्कैन या ब्लड टेस्ट जैसी जांचें करवाई जा सकती हैं ताकि सिरदर्द के पीछे कोई गंभीर कारण हो तो उसकी पुष्टि की जा सके।
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सिरदर्द का इलाज
सिरदर्द का उपचार उसके कारण पर निर्भर करता है। यदि
सिरदर्द का कारण मानसिक तनाव है तो योग, ध्यान और आराम इसका बेहतर इलाज हो सकता है। माइग्रेन या अन्य प्रकार के सिरदर्द में डॉक्टर कुछ विशिष्ट दवाएं देते हैं जो दर्द को कम करती हैं और दोबारा होने से रोकती हैं।
कुछ घरेलू उपाय भी फायदेमंद साबित होते हैं, जैसे ठंडे या गर्म पानी की पट्टी सिर पर रखना, हाइड्रेटेड रहना, आराम करना, हल्की मसाज लेना, अदरक या तुलसी की चाय पीना आदि। तनाव कम करने के लिए नियमित योग और ध्यान बहुत उपयोगी होता है।
सिरदर्द एक आम लेकिन कभी-कभी बहुत परेशान करने वाली स्थिति हो सकती है। हालांकि अधिकांश सिरदर्द गंभीर नहीं होते, फिर भी अगर यह बार-बार हो या अचानक बहुत तेज़ हो, तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। संतुलित जीवनशैली, सही खानपान, पर्याप्त नींद और तनाव से दूरी सिरदर्द से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है। याद रखें कि शरीर का हर दर्द कुछ कहता है – उसे अनदेखा न करें